बिक्रमगंज (रोहतास) : श्री लक्ष्मी प्रपन्न श्री जीयर स्वामी जी महाराज ने शनिवार को बिक्रमगंज प्रखंड क्षेत्र के बरना गांव में हो रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में दूसरे दिन प्रवचन करते हुए कहा कि संसार से मोहभंग किए बिना परमात्मा की प्राप्ति नहीं हो सकती । उन्होंने कहा कि एक तरफ संसार से मोह और दूसरी तरफ परमात्मा की प्राप्ति ये कभी संभव नहीं है । यह एक नदी के दो किनारे हैं । इसलिए परमात्मा प्राप्ति के लिए संसार से मोहभंग करना ही होगा। जितनी भी सुख सुविधाओं की इच्छा करेंगे उतना ही आप परमात्मा से दूर होते चले जाएंगे। संसार में रहिए, परिश्रम कीजिए, जीविकोपार्जन कीजिए, गृहस्थ आश्रम में रहिए, लेकिन ध्यान परमात्मा में लगाए रखें तभी कल्याण संभव है। प्रकाश वही देता है जो स्वयं प्रकाशित होता है जिसका इंद्रियों और मन पर नियंत्रण होता है, वही समाज के लिए अनुकरणीय होता है । जो इंद्रियों और मन को वश में करके सदाचार का पालन करता है, समाज के लिए वही अनुकरणीय होता है । उन्होंने कहा कि विपत्ति में धैर्य, धन, पद और प्रतिष्ठा के बाद मयार्दा के प्रति विशेष सजगता, इंद्रियों पर नियंत्रण और समाज हित में अच्छे कार्य करना आदि साधू के लक्षण हैं। श्री जीयर स्वामी ने कहा कि मूर्ति की पूजा करनी चाहिए। मूर्ति में नारायण वास करते हैं। मूर्ति भगवान का अर्चावतार हैं। मंदिर में मूर्ति और संत का दर्शन आंखें बन्द करके नहीं करना चाहिए । मूर्ति से प्रत्यक्ष रुप में भले कुछ न मिले लेकिन मूर्ति - दर्शन में कल्याण निहित है। श्रद्धा और विश्वास के साथ मूर्ति का दर्शन करना चाहिए | स्वामी जी ने कहा कि काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद्य एवं मत्सर से बचना चाहिए। ये आध्यात्मिक जीवन के रिपु हैं। मत्सर का अर्थ कहते हुए स्वामी जी ने बताया कि उसका शाब्दिक अर्थ द्वेष- विद्वेष एवं ईर्ष्या भाव है। दूसरे के हर कार्य में दोष निकालना और दूसरे के विकास से नाखुश होना मत्सर है। मानव को मत्सरी नहीं होना चाहिए । अगर किसी में कोई छोटा दोष हो तो उसकी चर्चा नहीं करनी चाहिए। जो लोग सकारात्मक स्वाभाव के होते हैं, वे स्वयं सदा प्रसन्नचित्त रहते हैं। इसके विपरीत नकारात्मक प्रवृति के लोगों का अधिकांश समय दूसरे में दोष निकालने और उनकी प्रगति से ईर्ष्या करने में ही व्यतीत होता है। मौके पर जगतगुरु रामानुजाचार्य, मुक्तिनाथ जी महाराज, बैकुंठ स्वामी जी महाराज, आनंद बिहारी शास्त्री, प्रेमानन्द जी महाराज उर्फ पप्पू उपाध्याय, यज्ञ समिति अध्यक्ष अजीत सिंह, प्रभाकर सिंह, प्रमोद सिंह, अशोक तिवारी, आलोक कुमार पांडेय सक्रिय सदस्य सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु लोग उपस्थित थे।